भारतीय संस्कृति में नवरात्रि पर्व भक्ति और साधना का प्रतीक है। नौ दिन और नौ रातें, माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना का अवसर देती हैं। आज के एआई युग में यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि, मानसिक शांति और जीवन प्रबंधन का उत्सव भी है।
नवरात्रि और आध्यात्म
माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना कर हम अपने जीवन में नई ऊर्जा का संचार करते हैं। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हर कठिनाई पर विजय पाने के लिए हमें अपने भीतर की शक्ति को पहचानना होगा।
नौ देवियों के साथ नौ संकल्प
मां शैलपुत्री (स्थिरता)
संकल्प : धैर्य और दृढ़ता बनाए रखना।
मां ब्रह्मचारिणी (तप और संयम)
संकल्प : आत्म-अनुशासन और रोज कुछ नया सीखना।
मां चंद्रघंटा (साहस और वीरता)
संकल्प : आत्मविश्वास से हर चुनौती का सामना।
मां कुष्मांडा (सृजन शक्ति)
संकल्प : सकारात्मक और रचनात्मक सोच विकसित करना।
मां स्कंदमाता (मातृत्व और स्नेह),
संकल्प : परिवार और रिश्तों को समय देना।
मां कात्यायनी (निडरता और न्याय)
संकल्प : अन्याय का विरोध और सही का समर्थन करना।
मां कालरात्रि (भय का नाश)
संकल्प : डर को छोड़कर आत्मविश्वास जगाना।
मां महागौरी (शांति और पवित्रता)
संकल्प : विचारों और जीवन को शुद्ध रखना।
मां सिद्धिदात्री (ज्ञान और सिद्धि)
संकल्प : निरंतर सीखते रहना और आगे बढ़ना।
जेन-जी के लिए नवरात्रि की अहमियत
आज की युवा पीढ़ी तकनीकी रफ्तार, करियर की प्रतिस्पर्धा और मानसिक दबाव से गुजर रही है। उनके लिए नवरात्रि एक सेल्फ रिस्पेक्ट के अभ्युदय का पर्व है :
डिटॉक्स – व्रत और सात्विक आहार शरीर व मन को शुद्ध करते हैं।
मानसिक शांति – मंत्र जाप और ध्यान तनाव कम करते हैं।
सांस्कृतिक जुड़ाव- गरबा-डांडिया और सामूहिक उत्सव अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
लाइफ बेलेंस- परिवार के साथ मिलकर पूजा करने और उत्सव मनाने से कार्यस्थल के तनाव से मुक्त होकर जीवन में संतुलन आता है।
नवरात्रि वास्तव में भक्ति और आत्म-विकास का पर्व है। माँ दुर्गा के नौ स्वरूप हमें यह प्रेरणा देते हैं कि धैर्य,अनुशासन,साहस,करुणा और ज्ञान ही जीवन की सच्ची पूँजी हैं। यदि हम इन नौ संकल्पों को अपनाएँ तो जीवन अधिक सफल, संतुलित और सकारात्मक हो जाएगा। नवरात्रि हमें याद दिलाती है कि शक्ति बाहर नहीं, अंदर है। नवरात्रि वास्तव में आस्था और आत्म-विकास का संगम है। यह नौ रातें आपके ‘इनर सुपरहीरो’ को वेक-अप कॉल देंगी, ताकि आप न सिर्फ सर्वाइव करें, बल्कि थ्राइव करें।
नवरात्रि के नौ जीवन मंत्र
- धैर्य रखो
- अनुशासन अपनाओ
- आत्मविश्वासी बनो
- सकारात्मक सोचो
- रिश्तों को समय दो
- न्याय के लिए खड़े हो
- डर त्यागो
- विचार शुद्ध करो
- सीखते रहो

- राजकुमार जैन
(स्वतंत्र लेखक)