मध्य प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम…औद्योगिक संवर्धन नीति सहित अनेक नीतियों को मिली मंजूरी …

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मध्य प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम…
औद्योगिक संवर्धन नीति सहित अनेक नीतियों को मिली मंजूरी …

11 फरवरी 2025 को संपन्न मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में याद रखी जाएगी। प्रदेश में पहली बार एक साथ 7 नीतियों और सहायक उप नीतियों को कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्रदान की गई।मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम प्रदेश को निवेदक अनुकूल प्रदेश बनाने की दिशा महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 के अंतर्गत कृषि,डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, टेक्सटाइल नीति,परिधान, फुटवियर,खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्युटिकल्स नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, मेडिकल डिवाइस नीति, ईव्ही विनिर्माण नीति, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति और हाई वैल्यू-ऐड विनिर्माता नीति को एक साथ स्वीकृति प्रदान की गई है।
औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 का उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार के नवीन अवसरों को सृजित करना भी है। राज्य की वर्तमान जीडीपी 2.9 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक लगभग 6 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है। नीति का सबसे महत्वाकांक्षी पहलू है,अगले 5 वर्षों में लगभग 20 लाख रोजगार के नए अवसरों का सृजन करना। इसके लिए सरकार द्वारा निवेशक सुविधा में सुधार और राज्य में उद्योग-व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है कि नीतियां एवं उपनीतियां निवेशकों को प्रोत्साहित करने वाली हों। नीतियों को सेवा गारंटी कानून के दायरे में लाकर मंजूरी एवं विभिन्न प्रकार की अनापत्तियों के लिए समय सीमा भी तय कर दी गई है। पूर्व प्रचलित 30 अनापत्तियों के स्थान पर अब केवल 10 अनापत्तियां ही रखी गई हैं।
उद्योगों के लिए अधिकतम सहायता 150 करोड रुपए से बढ़ाकर 200 करोड रुपए की गई है। मध्य प्रदेश में अधिक लोगों को रोजगार देने पर 1.5 गुना और पिछड़े क्षेत्रों में निवेश पर 1.2 गुना अतिरिक्त निवेश प्रोत्साहन सहायता राशि का प्रावधान भी किया गया है।
प्रदेश में अब 75 करोड़ रुपए निवेश करने वाले उद्योग मेगा यूनिट माने जाएंगे।
प्रदेश में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई निर्माता फिल्म की 75% शूटिंग मध्य प्रदेश में करता है तो उसे 2 करोड़ रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
नीति में फीचर फिल्म पर 2 करोड़,वेब सीरीज पर 1.5 करोड़,टीवी शो या सीरियल पर 1 करोड़,डॉक्यूमेंट्री पर 40 लाख, शार्ट फिल्म पर 15 लाख और अंतरराष्ट्रीय फिल्म पर 10 करोड़ तक की सहायता का प्रावधान रखा गया है। स्थानीय बोलियों ,बच्चों एवं महिलाओं पर केंद्रित फिल्मों पर 10% अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था भी रखी गई है।
पर्यटन क्षेत्र में बड़े निवेश पर 90 करोड़ तक की छूट का प्रावधान रखा गया है। पूर्व प्रचलित 30 अनापत्तियों के स्थान पर निवेदक को अब केवल 10 अनापत्तियां ही प्राप्त करना होंगी। नीति के अंतर्गत कन्वेंशन सेंटर,वैलनेस रिसोर्ट ,क्रूज,अंतरप्रदेशीय वायु सेवा,हेरिटेज होटल,रोपवे,म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो आदि को प्रोत्साहित करने की व्यवस्था है।
प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपने उत्पादन का 25% से अधिक निर्यात करने वाली इकाइयों को निर्यात प्रोत्साहन सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान भी नीति में रखा गया है।
लॉजिस्टिक अधोसंरचना विकसित करने के उद्देश्य से लॉजिस्टिक पार्क,मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, इन्लैंड कंटेनर डिपो और ड्राई पोर्ट्स की स्थापना के लिए निवेश सहायता का प्रावधान भी नीति में रखा गया है।
मध्य प्रदेश सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी नेटवर्क विकास एवं विस्तार नीति के तहत सभी आवश्यक अनुमतियां समय सीमा में उपलब्ध कराने और भूमि आवंटन की प्रक्रिया संबंधी सरल प्रावधान भी नीति में रखे गए हैं।
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश तेजी से औद्योगिक विकास करे और प्रदेशवासियों को रोजगार के नए-नए अवसर सुलभ हों। 24-25 फरवरी 2025 को भोपाल में प्रस्तावित ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के ठीक पहले नई नीतियों को स्वीकृत कर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल कर दी है।

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