नरसिंहपुर में कृषि उद्योग समागम का शुभारंभ करते हुए देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब खेत मुस्कुराता है तो देश आगे बढ़ता है । किसी विकसित देश का रास्ता किसान के गांव और खेत के रास्ते से होकर गुजरता है ।
किसानों को पशुधन, मछलीपालन ,फल ,सब्जी आदि के मामले में आगे जाकर उद्योग से जुड़ना चाहिए । कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि उससे संबंधित तकनीक का विकास हो । उन्होंने इस बात के लिए प्रेरित किया कि कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए सांसद, विधायक और देश के प्रमुख एनजीओ गांव को गोद लें ताकि किसान उद्यम को बढ़ावा मिल सके ।
कृषि उद्यम समागम की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने आर्थिक छलांग लगाई है ।जल्दी ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनेगा ।
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने की जरूरत बताते हुए जिक्र किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए 3 लाख 46 करोड रुपए देश के 10 करोड़ किसानों के खाते में हर साल पहुंच रहे है । इस तरह विभिन्न स्रोतों से किसानों को 35000 रू की सालाना मदद मिल रही है ।
संबोधन के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ,मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल व मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संयुक्त तौर पर कृषि आधारित प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया ।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम गेहूं के उत्पादन में देश में दूसरे नंबर पर हैं । मध्य प्रदेश देश में एक ऐसा राज्य है जहां गेहूं के दाम किसानों को सबसे ज्यादा मिल रहे हैं। सरकार 2600 रु क्विंटल गेहूं खरीद रही है । सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही हैं ।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश नदियों का मायका है जहां करीब 247 नदियां हैं। सर्वाधिक नदियों का उदगम मध्य प्रदेश है । उन्होंने केन – बेतवा नदी जोड़ो अभियान के लिए एक लाख करोड रुपए की राशि से प्रोजेक्ट चलने की बात कही । जबकि पार्वती – काली सिंध- चंबल नदी और ताप्ती नदी जोड़ो अभियान का उल्लेख भी किया।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 32 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाने की योजना है । कृषि आधारित फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार कार्य कर रही है । उन्होंने कहा कि सब्सिडी के माध्यम से सरकार कृषि यंत्र देने तैयार है । नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल पार्क समेत मंडला के मनेरी में 52 हेक्टेयर मे प्रस्तावित योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर की तुअर दाल को GI टैग मिलना कोई छोटी बात नहीं है। यह इस बात का सबूत है कि यहां की खेती अब पहचान बना रही है। इससे स्थानीय किसानों को आर्थिक लाभ सुनिश्चित होगा।

कृषि प्रदर्शनी में आधुनिक कृषि तकनीकों, यंत्रों और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में ड्रोन आधारित कृषि तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त उपकरण, पॉवर स्प्रेयर, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, जैविक एवं नैनो फर्टिलाइज़र सहित विविध नवीनतम संसाधनों को प्रदर्शित किया गया। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने सभी स्टॉलों का अवलोकन कर विकसित की गई तकनीकों की प्रशंसा की। उप राष्ट्रपति ने प्रदर्शनी में कृषकों से प्रत्यक्ष संवाद कर उत्पादों की गुणवत्ता, तकनीक एवं विपणन के विषय में जानकारी ली तथा उनके नवाचारों की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के प्रयासों की सराहना की एवं उन्हें आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए सशक्त कड़ी बताया।
पशुपालन विभाग द्वारा आचार्य गोवंश संवर्धन योजना के अंतर्गत प्रदर्शनी में भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों का प्रदर्शन किया गया। इसमें गिर नस्ल की उस गाय को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया, हाल ही में आयोजित भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारु गाय प्रतियोगिता 2025 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने स्वयं गाय को चारा खिलाकर गौसंवर्धन के प्रति अपनी संवेदनशीलता प्रदर्शित की। इस दौरान उनकी पत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ ने स्वसहायता समूह द्वारा यहां लगाई गई स्टॉल में स्वसहायता समूह की महिलाओं के साथ हाथ चक्की से अरहर दाल भी बनाई।
प्रदर्शनी में पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण व प्रभारी मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, मंडला सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, नर्मदापुरम सांसद चौधरी दर्शन सिंह, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, विधायक तेंदूखेड़ा श्री विश्वनाथ सिंह पटेल व गोटेगांव श्री महेन्द्र नागेश, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति नीलेश काकोड़िया, अन्य विशिष्ट जनप्रतिनिधि व कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, पुलिस अधीक्षक श्रीमती मृगाखी डेका, अधिकारी- कर्मचारी और किसान व नागरिक मौजूद थे।
